मैं कृतकृत्य भइउँ अब तव प्रसाद बिस्वेस। उपजी राम भगति दृढ़ बीते सकल कलेस॥129॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
सप्तमः सोपानः | Descent 7th
श्री उत्तरकाण्ड | Shri Uttara Kanda
दोहा :
मैं कृतकृत्य भइउँ अब तव प्रसाद बिस्वेस।
उपजी राम भगति दृढ़ बीते सकल कलेस॥129॥
भावार्थ:
हे विश्वनाथ! आपकी कृपा से अब मैं कृतार्थ हो गई। मुझमें दृढ़ राम भक्ति उत्पन्न हो गई और मेरे संपूर्ण क्लेश बीत गए (नष्ट हो गए)॥129॥
IAST :
Meaning :