RamCharitManas (RamCharit.in)

इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

वाल्मीकि रामायण संपूर्ण

वाल्मीकि रामायण सम्पूर्ण हिंदी अर्थ सहित | Valmiki Ramayana with Hindi Translation Online Reading

Spread the Glory of Sri SitaRam!

वाल्मीकि रामायण सम्पूर्ण हिंदी अर्थ सहित

Valmiki Ramayana Shlok in Sanskrit with Hindi Translation

वाल्मीकि रामायण परिचय :

वाल्मीकि रामायण (Ramayan in Hindi) एक संस्कृत महाकाव्य है जिसकी रचना महर्षि वाल्मीकि ने की थी। हिंदू धर्म में रामायण का एक महत्वपूर्ण स्थान है जिसमें हम सबको रिश्तो के कर्तव्यों को समझाया गया है। रामायण महाकाव्य में एक आदर्श पिता, आदर्श पुत्र, आदर्श पत्नी, आदर्श भाई, आदर्श मित्र, आदर्श सेवक और आदर्श राजा को दिखाया गया है। इस महाकाव्य में भगवान विष्णु के रामावतार को दर्शाया गया है उनकी चर्चा की गई है। रामायण महाकाव्य में 24000 श्लोक और 500 उपखंड हैं जो कि 7 काण्ड में विभाजित हैं।

यहाँ वाल्मीकि रामायण (valmiki ramayan) सम्पूर्ण संस्कृत हिंदी अर्थ सहित (valmiki ramayan shlok in sanskrit with hindi meaning ) दिया जा रहा है। इसका मूल उद्देश्य श्री राम के जीवन चरित्र से शिक्षा लेना एवं सनातन संस्कृति से परिचित कराना है। श्री वाल्मीकि रामायण एक धार्मिक ग्रन्थ के साथ विश्व के पुरातन इतिहास, भूगोल, ज्योतिष, दर्शन एवं सामाजिक व्यवहार की बड़ी सुन्दर जानकारी देता है।

यह ग्रन्थ धार्मिक दृष्टि के अलावा सामाजिक दृष्टि से भी उतना ही उत्तम और पठनीय है। संस्कृत साहित्य का एक आरम्भिक महाकाव्य है जो संस्कृत भाषा में अनुष्टुप छन्दों में रचित है।

काव्य बीजं सनातनम्:

महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित होने के कारण इसे ‘वाल्मीकीय रामायण’ कहा जाता है। हरिवंश पुराण (विष्णु पर्व), स्कन्द पुराण (वैष्णव खण्ड), मत्स्यपुराण, महाकवि कालिदास रचित रघुवंश, अग्निपुराण, गरुड़पुराण,  भवभूति रचित उत्तर रामचरित, वृहद्धर्म पुराण जैसे अनेक प्राचीन ग्रन्थों में महर्षि वाल्मीकि एवं उनके महाकाव्य रामायण का उल्लेख मिलता है।

इस महाकाव्य की प्रशंसा “काव्य बीजं सनातनम्” कह कर वृहद्धर्म पुराण में की गयी है।

(यह कार्य RamCharit.in के द्वारा आर्थिक व्यय कर के उपलब्ध कराया गया है। कृपया शेयर करें तो  website लिंक क्रेडिट अवश्य दें। किसी अन्य वेबसाइट द्वारा चोरी किये जाने की दशा में Intellectual Property Rights (IPR) अधिनियम के तहत कानूनी कार्यवाही की जायेगी)

वाल्मीकि रामायण (Valmiki Ramayan in Hindi) के 7 कांड हैं :

 

1.  श्री वाल्मीकि रामायण बालकाण्ड सम्पूर्ण हिंदी अनुवाद सहित 

2. श्री वाल्मीकि रामायण अयोध्याकाण्ड सम्पूर्ण हिंदी अनुवाद सहित 

3. श्री वाल्मीकि रामायण अरण्यकाण्ड सम्पूर्ण हिंदी अनुवाद सहित

4. श्री वाल्मीकि रामायण किष्किंधाकाण्ड  सम्पूर्ण हिंदी अनुवाद सहित

5. श्री वाल्मीकि रामायण सुन्दरकाण्ड सम्पूर्ण हिंदी अनुवाद सहित

6. श्री वाल्मीकि रामायण युद्धकाण्ड सम्पूर्ण हिंदी अनुवाद सहित

7. श्री वाल्मीकि रामायण उत्तरकाण्ड सम्पूर्ण हिंदी अनुवाद सहित

 

(श्री वाल्मीकि रामायण ( वाल्मीकि रामायण अर्थ सहित, valmiki ramayana in hindi ) में कुल 24000 श्लोक हैं जिनको शुद्ध रूप में डिजिटल (HTML) बनाकर पाठकों को उपलब्ध कराने हेतु हम प्रतिबद्ध हैं। ग्रन्थ की विशालता उसके श्लोकों की संख्या से समझा जा सकता है एवं यह कार्य सीमित लोगों के प्रयासों से आगे बढ़ रहा है। समय के साथ हम यहाँ नवीन सर्गों को उपलब्ध कराते जायेंगे। आशा है हमारा यह पवित्र व सार्थक प्रयास हिन्दू समाज हेतु कल्याणकारी सिद्ध होगा। आप हमें सहयोग कर सकते हैं => Donate Us!)

वाल्मीकि रामायण रचनाकाल :

वाल्मीकि रामायण (Ramayan in Hindi) का समय विद्वानों की मान्यता अनुसार त्रेतायुग माना जाता है। आदिशंकराचार्य और विद्वानों के मुताबिक भगवान विष्णु का राम अवतार श्वेतवाराह कल्प के सातवें वैवस्वत मन्वन्तर के चौबीसवें त्रेता युग में हुआ था। श्री राम का जीवन काल लगभग 1 करोड़ 83 लाख वर्ष पूर्व का है। इसके वर्णित प्रसंग में भुशुण्डि रामायण, पद्मपुराण,  हरिवंश पुराण,  वायु पुराण, संजीवनी रामायण और पुराणों से प्रमाण दिया जाता है।

महर्षि वाल्मीकि परिचय :

महर्षि वाल्मीकि को कुछ लोग निम्न जातिका बतलाते हैं। पर वाल्मीकि रामायण तथा अध्यात्म रामायण में इन्होंने स्वयं अपने को प्रचेता का ओरस पुत्र कहा है। स्कन्द पुराण के वैशाख माहात्म्य में इन्हें जन्मान्तर का व्याध बतलाया है। इससे सिद्ध है कि जन्मान्तर में ये व्याध थे। व्याध-जन्मके पहले भी स्तम्भ नामके श्री वत्सगोत्रीय ब्राह्मण थे। व्याध-जन्ममें शङ्ख ऋषिके सत्सङ्ग से राम नाम के जप से ये दूसरे जन्म में ‘अग्निशर्मा’ (मतान्तरसे रत्नाकर) हुए। वहाँ भी व्याधों के सङ्गसे कुछ दिन निश्चित संस्कार वश व्याध-कर्म में लगे। फिर, सप्तर्षियों के सत्संग से मरा-मरा जप कर वल्मीक ( दीमक का लगाया हुआ मिट्टी का ढेर ) पड़ने से वाल्मीकि नाम से ख्यात हुए, और वाल्मीकि ने रामायण की रचना की। बंगला के कृत्तिवास रामायणमानसअध्यात्मरामाआनन्द रामायण राज्य काण्ड भविष्य पुराण प्रतिसर्ग में भी यह कथा थोड़े घमाव-फिराव स्पष्ट है। गोस्वामी तुलसीदासजीने वस्तुतः यह कथा निराधार नहीं लिखी। इसलिए इन्हें नीच जातिका मानना सर्वथा भ्रम है।


Spread the Glory of Sri SitaRam!

Shiv

शिव RamCharit.in के प्रमुख आर्किटेक्ट हैं एवं सनातन धर्म एवं संस्कृत के सभी ग्रंथों को इंटरनेट पर निःशुल्क और मूल आध्यात्मिक भाव के साथ कई भाषाओं में उपलब्ध कराने हेतु पिछले 8 वर्षों से कार्यरत हैं। शिव टेक्नोलॉजी पृष्ठभूमि के हैं एवं सनातन धर्म हेतु तकनीकि के लाभकारी उपयोग पर कार्यरत हैं।

22 thoughts on “वाल्मीकि रामायण सम्पूर्ण हिंदी अर्थ सहित | Valmiki Ramayana with Hindi Translation Online Reading

  • Nagesh Pandey

    I am Nagesh Pandey from Bihar . I have composed meanings of Tulsikruit Ramcharitmanas in Maithili . If it is needed to post I will happy to make available the same. Some of the part may be posted in this comment section if permissible
    Thanks

    Reply
    • Hi Nagesh Ji, Thanks for the comments. Also, thanks for the work you have done. I will publish it on your name only on this website. Please send your work and detail about you with a picture. You have not posted your mobile no.

      Reply
      • Neha Gautam

        Hello, my name is Neha from Uttar pradesh.. My father is translated Ramayan in Bhojpuri.. Is it possible to publish with his name. If yes, please reply on my mail id. Thank you 🙏

        Reply
        • Hello Neha Ji, Sorry for delayed response. Please send me your father detail, photo and the work, we will upload it. My mob is 8750091725

          Reply
  • अत्यन्त सराहनीय कार्य है। प्रणाम। क्या यह अनुवाद आपका ही किया हुआ है ?

    Reply
    • नहीं यह अनुवाद गीताप्रेस से लिया गया है।

      Reply
      • Mr.atheist_rk

        Kisne translate kiya hai name please?

        Reply
  • Mehul Modi

    Sir, Can I get this as pdf file.

    Reply
  • Mehul Modi

    I want to buy this as paper copy of Valmiki Ramayan in Hindi. can you send details.

    Reply
  • Dr. Bharat Sharma

    All just as before. Repartition is not considered to be necessary.

    Reply
  • Dr. Bharat Sharma

    Nothing new to comment upon

    Reply
  • Dr. Bharat Sharma

    Unchanged

    Reply
    • Omprakashmodi

      ATI sunder hy

      Reply
  • Dr. Bharat Sharma

    Same comments as previously.

    Reply
  • Dr. Bharat Sharma

    Previously submitted.

    Reply
  • Dr. Bharat Sharma

    Same as the one submitted earlier.

    Reply
  • Sir plz abhiyangika name ka meaning bata dijiye

    Reply
    • अभ्यंग (अभि + अंग = तेल की मालिश)

      Reply
  • Rajnish mourya

    अर्थात् यह अभी पूर्णतः नहीं है।

    Reply
  • Ankit Dubey

    रामायण में केवल 6 काण्ड है….
    वाल्मीकि रामायण में उत्तर कांड का वर्णन नहीं है….

    कृपया इसे ख्याति दे कर पाप के भागी न बने….

    जय श्री राम 🚩 🚩 🚩

    Reply

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

उत्कृष्ट व निःशुल्क सेवाकार्यों हेतु आपके आर्थिक सहयोग की अति आवश्यकता है! आपका आर्थिक सहयोग हिन्दू धर्म के वैश्विक संवर्धन-संरक्षण में सहयोगी होगा। RamCharit.in व SatyaSanatan.com धर्मग्रंथों को अनुवाद के साथ इंटरनेट पर उपलब्ध कराने हेतु अग्रसर हैं। कृपया हमें जानें और सहयोग करें!

X
error: