कोसलेस सुत लछिमन रामा। कालहु जीति सकहिं संग्रामा॥15॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
चतुर्थ: सोपान | Descent 4th
श्री किष्किंधाकांड | Shri kishkindha-Kand
चौपाई :
कोसलेस सुत लछिमन रामा।
कालहु जीति सकहिं संग्रामा॥15॥
भावार्थ:
वे कोसलाधीश दशरथजी के पुत्र राम और लक्ष्मण संग्राम में काल को भी जीत सकते हैं॥15॥
English :
IAST :
Meaning :