ग्यान बिराग जोग बिग्याना। ए सब पुरुष सुनहु हरिजाना॥ पुरुष प्रताप प्रबल सब भाँती। अबला अबल सहज जड़ जाती॥8॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
सप्तमः सोपानः | Descent 7th
श्री उत्तरकाण्ड | Shri Uttara Kanda
चौपाई :
ग्यान बिराग जोग बिग्याना। ए सब पुरुष सुनहु हरिजाना॥
पुरुष प्रताप प्रबल सब भाँती। अबला अबल सहज जड़ जाती॥8॥
भावार्थ:
बहे हरि वाहन! सुनिए, ज्ञान, वैराग्य, योग, विज्ञान- ये सब पुरुष हैं। पुरुष का प्रताप सब प्रकार से प्रबल होता है। अबला (माया) स्वाभाविक ही निर्बल और जाति (जन्म) से ही जड़ (मूर्ख) होती है॥8॥
IAST :
Meaning :