नर बानरहि संग कहु कैसें। कही कथा भइ संगति जैसें॥6॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
पंचमः सोपान | Descent 5th
श्री सुंदरकाण्ड | Shri Sunderkand
चौपाई :
नर बानरहि संग कहु कैसें।
कही कथा भइ संगति जैसें॥6॥
भावार्थ:
(सीताजी ने पूछा-) नर और वानर का संग कहो कैसे हुआ? तब हनुमानजी ने जैसे संग हुआ था, वह सब कथा कही॥6॥
English :
IAST :
Meaning :