RamCharitManas (RamCharit.in)

इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

सुखी मीन जे नीर अगाधा। जिमि हरि सरन न एकऊ बाधा॥ फूलें कमल सोह सर कैसा। निर्गुन ब्रह्म सगुन भएँ जैसा॥1॥

Spread the Glory of Sri SitaRam!

श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
चतुर्थ: सोपान | Descent 4th
श्री किष्किंधाकांड | Shri kishkindha-Kand

 

चौपाई

सुखी मीन जे नीर अगाधा। जिमि हरि सरन न एकऊ बाधा॥
फूलें कमल सोह सर कैसा। निर्गुन ब्रह्म सगुन भएँ जैसा॥1॥

भावार्थ:

जो मछलियाँ अथाह जल में हैं, वे सुखी हैं, जैसे श्री हरि के शरण में चले जाने पर एक भी बाधा नहीं रहती। कमलों के फूलने से तालाब कैसी शोभा दे रहा है, जैसे निर्गुण ब्रह्म सगुण होने पर शोभित होता है॥1॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


Spread the Glory of Sri SitaRam!

Shiv

शिव RamCharit.in के प्रमुख आर्किटेक्ट हैं एवं सनातन धर्म एवं संस्कृत के सभी ग्रंथों को इंटरनेट पर निःशुल्क और मूल आध्यात्मिक भाव के साथ कई भाषाओं में उपलब्ध कराने हेतु पिछले 8 वर्षों से कार्यरत हैं। शिव टेक्नोलॉजी पृष्ठभूमि के हैं एवं सनातन धर्म हेतु तकनीकि के लाभकारी उपयोग पर कार्यरत हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

कृपया इस डिजिटल मंदिर निर्माण हेतु हमारा आर्थिक सहयोग करें! सत्य सनातन फाउंडेशन (रजि.) सरकार से स्वीकृत संस्था है। हिन्दू धर्म के संरक्षण व निःशुल्क सेवाकार्यों हेतु आपके आर्थिक सहयोग की अति आवश्यकता है।

X
error: