सुनु मम बचन सत्य अब भाई। हरितोषन ब्रत द्विज सेवकाई॥ अब जनि करहि बिप्र अपमाना। जानेसु संत अनंत समाना॥6॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
सप्तमः सोपानः | Descent 7th
श्री उत्तरकाण्ड | Shri Uttara Kanda
चौपाई :
सुनु मम बचन सत्य अब भाई। हरितोषन ब्रत द्विज सेवकाई॥
अब जनि करहि बिप्र अपमाना। जानेसु संत अनंत समाना॥6॥
भावार्थ:
हे भाई! अब मेरा सत्य वचन सुन। द्विजों की सेवा ही भगवान् को प्रसन्न करने वाला व्रत है। अब कभी ब्राह्मण का अपमान न करना। संतों को अनंत श्री भगवान् ही के समान जानना॥6॥
IAST :
Meaning :