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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

काहुहि दोसु देहु जनि ताता। भा मोहि सब बिधि बाम बिधाता॥ जो एतेहुँ दुख मोहि जिआवा। अजहुँ को जानइ का तेहि भावा॥4॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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चौपाई

 काहुहि दोसु देहु जनि ताता। भा मोहि सब बिधि बाम बिधाता॥
जो एतेहुँ दुख मोहि जिआवा। अजहुँ को जानइ का तेहि भावा॥4॥

भावार्थ:

हे तात! किसी को दोष मत दो। विधाता मेरे ‍िलए सब प्रकार से उलटा हो गया है, जो इतने दुःख पर भी मुझे जिला रहा है। अब भी कौन जानता है, उसे क्या भा रहा है?॥4॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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