कीन्ह निमज्जनु तीरथराजा। नाई मुनिहि सिरु सहित समाजा। रिषि आयसु असीस सिर राखी। करि दंडवत बिनय बहु भाषी॥1॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
द्वितीय सोपान | Descent Second
श्री अयोध्याकाण्ड | Shri Ayodhya-Kand
चौपाई :
कीन्ह निमज्जनु तीरथराजा। नाई मुनिहि सिरु सहित समाजा।
रिषि आयसु असीस सिर राखी। करि दंडवत बिनय बहु भाषी॥1॥
भावार्थ:
कीन्ह निमज्जनु तीरथराजा। नाई मुनिहि सिरु सहित समाजा। रिषि आयसु असीस सिर राखी। करि दंडवत बिनय बहु भाषी॥1॥
English :
IAST :
Meaning :