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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

कोउ कह रहन कहिअ नहिं काहू। को न चहइ जग जीवन लाहू॥4॥

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श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
द्वितीय सोपान | Descent Second
श्री अयोध्याकाण्ड | Shri Ayodhya-Kand

चौपाई

कोउ कह रहन कहिअ नहिं काहू। को न चहइ जग जीवन लाहू॥4॥

भावार्थ:

कोई-कोई कहते हैं- रहने के लिए किसी को भी मत कहो, जगत में जीवन का लाभ कौन नहीं चाहता?॥4॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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