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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

बर कुअँरि करतल जोरि साखोचारु दोउ कुलगुर करैं। भयो पानिगहनु बिलोकि बिधि सुर मनुज मुनि आनँद भरैं॥ सुखमूल दूलहु देखि दंपति पुलक तन हुलस्यो हियो। करि लोक बेद बिधानु कन्यादानु नृपभूषन कियो॥3॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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छन्द : 

बर कुअँरि करतल जोरि साखोचारु दोउ कुलगुर करैं।
भयो पानिगहनु बिलोकि बिधि सुर मनुज मुनि आनँद भरैं॥
सुखमूल दूलहु देखि दंपति पुलक तन हुलस्यो हियो।
करि लोक बेद बिधानु कन्यादानु नृपभूषन कियो॥3॥

भावार्थ:

दोनों कुलों के गुरु वर और कन्या की हथेलियों को मिलाकर शाखोच्चार करने लगे। पाणिग्रहण हुआ देखकर ब्रह्मादि देवता, मनुष्य और मुनि आनंद में भर गए। सुख के मूल दूलह को देखकर राजा-रानी का शरीर पुलकित हो गया और हृदय आनंद से उमंग उठा। राजाओं के अलंकार स्वरूप महाराज जनकजी ने लोक और वेद की रीति को करके कन्यादान किया॥3॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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