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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

श्री सीताजी स्तुति संग्रह

श्री सीताजी के 12 एवं 108 नामों का वर्णन सरल हिंदी अर्थ सहित

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श्रीकिशोरीजीके 12 नामों का वर्णन सरल हिंदी अर्थ सहित 

मैथिली जानकी सीता वैदेही जनकात्मजा।
कृपापीयूषजलधिः प्रियार्दा रामवल्लभा॥
सुनयनासुता वीर्यशुल्काऽयोनी रसोद्भवा।
द्वादशैतानि नामानि वाञ्छितार्थप्रदानि हि॥

(श्रीजानकी-चरितामृतम्)

१-मैथिली-
श्रीमिथिवंश में सर्वोत्कृष्टरूप से विराजने वाली श्रीसीरध्वजराजदुलारी जी।
२-जानकी-
श्रीजनकजी महाराजके भाव की पूर्ति के लिये उनकी यज्ञवेदी से प्रकट होने वाली।
३-सीता-
आश्रितों के हृदय से सम्पूर्ण दुःखों की मूल दुर्भावना को नष्ट करके सद्भावना का विस्तार करने वाली।
४-वैदेही-
भगवान् श्रीरामजी के चिन्तन की तल्लीनता से देह की सुधि भूल जानेवाली शक्तियों में
५-जनकात्मजा-
श्रीसीरध्वजमहाराज नामके श्रीजनकजी महाराजके पुत्री-भावको स्वीकार करनेवाली।
६-कृपापीयूषजलधिः-
समुद्रके समान अथाह एवं अमृतके सदृश असम्भवको सम्भव कर देनेवाली कृपासे युक्त।
७-प्रियार्हा-
जो प्यारेके योग्य और प्यारे श्रीरामभद्रजू जिनके योग्य हैं।
८-रामवल्लभा-
जो श्रीराघवेन्द्र सरकारकी परम प्यारी हैं।
९-सुनयनासुता-
श्रीसुनयना महारानी के वात्सल्यभाव-जनित सुख का भलीभाँति विस्तार करने वाली।
१०-वीर्यशुल्का-
शिवधनुष तोड़नेकी शक्तिरूपी न्योछावर ही वधू रूप में जिनकी प्राप्ति का साधन है अर्थात् जो भगवान् शिवजी के धनुष तोड़ने की शक्तिरूपी न्योछावर अर्पण कर सकेगा, उसी के साथ जिनका विवाह होगा।
११-अयोनिः-
किसी कारण विशेष से प्रकट न होकर केवल भक्तों का भाव पूर्ण करनेके लिये अपनी इच्छानुसार प्रकट होने वाली।
१२-रसोद्भवा-
जन्म से ही अपनी अलौकिकता व्यक्त करने के लिये किसी प्राकृत शरीरसे प्रकट न होकर पृथ्वीसे प्रकट होने वाली।

श्रीललीजी के ये बारह नाम मनोवांछित (मनचाही) सिद्धि को प्रदान करने वाले हैं।

 

श्रीकिशोरीजीके 108 नामों का वर्णन सरल हिंदी अर्थ सहित 

सीताष्टोत्तरशतनामावलि

1. ॐ जनकनन्दिन्यै नमः।

2. ॐ लोकजनन्यै नमः।

3. ॐ जयवृद्धिदायै नमः।

4. ॐ जयोद्वाहप्रियायै नमः।

5. ॐ रामायै नमः।

6. ॐ लक्ष्म्यै नमः।

7. ॐ जनककन्यकायै नमः।

8. ॐ राजीवसर्वस्वहारिपादद्वयाञ्चितायै नमः।

9. ॐ राजत्कनकमाणिक्यतुलाकोटिविराजितायै नमः।

10. ॐ मणिहेमविचित्रोद्यत्रुस्करोत्भासिभूषणायै नमः।

11. ॐ नानारत्नजितामित्रकाञ्चिशोभिनितम्बिन्यै नमः।

12. ॐ देवदानवगन्धर्वयक्षराक्षससेवितायै नमः।

13. ॐ सकृत्प्रपन्नजनतासंरक्षणकृतत्वरायै नमः।

14. ॐ एककालोदितानेकचन्द्रभास्करभासुरायै नमः।

15. ॐ द्वितीयतटिदुल्लासिदिव्यपीताम्बरायै नमः।

16. ॐ त्रिवर्गादिफलाभीष्टदायिकारुण्यवीक्षणायै नमः।

17. ॐ चतुर्वर्गप्रदानोद्यत्करपङ्जशोभितायै नमः।

18. ॐ पञ्चयज्ञपरानेकयोगिमानसराजितायै नमः।

19. ॐ षाड्गुण्यपूर्णविभवायै नमः।

20. ॐ सप्ततत्वादिदेवतायै नमः।

21. ॐ अष्टमीचन्द्ररेखाभचित्रकोत्भासिनासिकायै नमः।

22. ॐ नवावरणपूजितायै नमः।

23. ॐ रामानन्दकरायै नमः।

24. ॐ रामनाथायै नमः।

25. ॐ राघवनन्दितायै नमः।

26..ॐ रामावेशितभावायै नमः।

27. ॐ रामायत्तात्मवैभवायै नमः।

28. ॐ रामोत्तमायै नमः।

29. ॐ राजमुख्यै नमः।

30. ॐ रञ्जितामोदकुन्तलायै नमः।

31. ॐ दिव्यसाकेतनिलयायै नमः।

32. ॐ दिव्यवादित्रसेवितायै नमः।

33. ॐ रामानुवृत्तिमुदितायै नमः।

34. ॐ चित्रकूटकृतालयायै नमः।

35. ॐ अनुसूयाकृताकल्पायै नमः।

36. ॐ अनल्पस्वान्तसंश्रितायै नमः।

37. ॐ विचित्रमाल्याभरणायै नमः।

38. ॐ विराथमथनोद्यतायै नमः।

39. ॐ श्रितपञ्चवटीतीरायै नमः।

40. ॐ खद्योतनकुलानन्दायै नमः।

41. ॐ खरादिवधनन्दितायै नमः।

42. ॐ मायामारीचमथनायै नमः।

43. ॐ मायामानुषविग्रहायै नमः।

44. ॐ छलत्याजितसौमित्र्यै नमः।

45. ॐ छविनिर्जितपङ्कजायै नमः।

46. ॐ तृणीकृतदशग्रीवायै नमः।

47. ॐ त्राणायोद्यतमानसायै नमः।

48. ॐ हनुमद्दर्शनप्रीतायै नमः।

49. ॐ हास्यलीलाविशारदायै नमः।

50. ॐ मुद्रादर्शनसन्तुष्टायै नमः।

51. ॐ मुद्रामुद्रितजीवितायै नमः।

52. ॐ अशोकवनिकावासायै नमः।

53. ॐ निश्शोकीकृतनिर्जरायै नमः।

54. ॐ लङ्कादाहकसङ्कल्पायै नमः।

55. ॐ लङ्कावलयरोधिन्यै नमः।

56. ॐ शुद्धिकृतासन्तुष्टायै नमः।

57. ॐ शुमाल्याम्बरावृतायै नमः।

58. ॐ सन्तुष्टपतिसंस्तुतायै नमः।

59. ॐ सन्तुष्टहृदयालयायै नमः।

60. ॐ श्वशुरस्तानुपूज्यायै नमः।

61. ॐ कमलासनवन्दितायै नमः।

62. ॐ अणिमाद्यष्टसंसिद्ध नमः।

63. ॐ कृपावाप्तविभीषणायै नमः।

64. ॐ दिव्यपुष्पकसंरूढायै नमः।

65. ॐ दिविषद्गणवन्दितायै नमः।

66. ॐ जपाकुसुमसङ्काशायै नमः।

67. ॐ दिव्यक्षौमाम्बरावृतायै नमः।

68. ॐ दिव्यसिंहासनारूढायै नमः।

69. ॐ दिव्याकल्पविभूषणायै नमः।

70. ॐ राज्याभिषिक्तदयितायै नमः।

71. ॐ दिव्यायोध्याधिदेवतायै नमः।

72. ॐ दिव्यगन्धविलिप्ताङ्ग्यै नमः।

73. ॐ दिव्यावयवसुन्दर्यै नमः।

74. ॐ हय्यङ्गवीनहृदयायै नमः।

75. ॐ हर्यक्षगणपूजितायै नमः।

76. ॐ घनसारसुगन्धाढ्यायै नमः।

77. ॐ घनकुञ्चितमूर्धजायै नमः।

78. ॐ चन्द्रिकास्मितसम्पूर्णायै नमः।

79. ॐ चारुचामीकराम्बरायै नमः।

80. ॐ योगिन्यै नमः।

81. ॐ मोहिन्यै नमः।

82. स्तम्भिन्यै नमः।

83. ॐ अखिलाण्डेश्वर्यै नमः।

84. ॐ शुभायै नमः।

85. ॐ गौर्यै नमः।

86. ॐ नारायण्यै नमः।

87. ॐ प्रीत्यै नमः।

88. ॐ स्वाहायै नमः।

89. ॐ स्वधायै नमः।

90. ॐ शिवायै नमः।

91. ॐ आश्रितानन्दजनन्यै नमः।

92. ॐ भारत्यै नमः।

93. ॐ वाराह्यैः नमः।

94. ॐ वैष्णव्यै नमः।

95. ॐ ब्राह्म्यैः नमः।

96. ॐ सिद्धवन्दितायै नमः।

97. ॐ षढाधारनिवासिन्यै नमः।

98. ॐ कलकोकिलसल्लापायै नमः।

99. ॐ कलहंसकनूपुरायै नमः।

100. ॐ क्षान्तिशान्त्यादिगुणशालिन्यै नमः।

101. ॐ कन्दर्पजनन्यै नमः।

102. ॐ सर्वलोकसमारध्यायै नमः।

103. ॐ सौगन्धसुमनप्रियायै नमः।

104. ॐ श्यामलायै नमः।

105. ॐ सर्वजनमङ्गलदेवतायै नमः।

106. ॐ वसुधापुत्र्यै नमः।

107. ॐ मातङ्ग्यै नमः।

108. ॐ सीतायै नमः।

 

 


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Shiv

शिव RamCharit.in के प्रमुख आर्किटेक्ट हैं एवं सनातन धर्म एवं संस्कृत के सभी ग्रंथों को इंटरनेट पर निःशुल्क और मूल आध्यात्मिक भाव के साथ कई भाषाओं में उपलब्ध कराने हेतु पिछले 8 वर्षों से कार्यरत हैं। शिव टेक्नोलॉजी पृष्ठभूमि के हैं एवं सनातन धर्म हेतु तकनीकि के लाभकारी उपयोग पर कार्यरत हैं।

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